Friday 6 March, 2009

फ्रायड ने देखा एक ख़्वाब

मनुष्य जाति
जो मनोरोगों से ग्रस्त
मानसिक विकारों से त्रस्त
कैसे पूरी हो बीमारी को
दूर भगाने की आस
हो हर ताले की
कुंजी उसके पास
फिर सपने में देखा
झोली या डंडा
मुर्गी या अंडा
अंडे का फंडा
प्रत्येक का जरूर कोई अर्थ
लाठी, नाग, तलवार या चाकू
कूआ, खाई¸ पहाड़ या राई
सब कुछ यौन पिपासा
सर्व सेक्समयं जगत
सदा से भीतर कुण्ठायें रोई
जब चेतन मन बिल्ली की नींद सोया
दमित वासना़ का चूहा
चुपचाप
अपना भेष बदल कर निकला
मानो फ्रायड ने
चतुर बिल्ली की तरह
नींद का ढ़ोग रच कर
जान लिया चूहों का राज।
दंग रह गया फ्रायड
मन की गहराइयां बतलाते
ये सपने कितने सच्चे!
कि जैसे निरदोष बच्चे
बाकी झूठा इंसान
झूठी यह दुनियां।

हरिहर जी के ब्लोग से

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